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इन अश्को को कैसे रोकूँ रोकूँ तो खुद ये रोते है मै

इन अश्को को कैसे रोकूँ
रोकूँ तो खुद ये रोते है
मै इन्हे हर पल चुप रहने को कहता हूँ
जब मेरी आँखे रोती है
मै उनको अश्क का बहना कहता है
तब अश्क ये चुप बहते रहते है| अश्क जो बह गये
इन अश्को को कैसे रोकूँ
रोकूँ तो खुद ये रोते है
मै इन्हे हर पल चुप रहने को कहता हूँ
जब मेरी आँखे रोती है
मै उनको अश्क का बहना कहता है
तब अश्क ये चुप बहते रहते है| अश्क जो बह गये