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यदि आज टाइटैनिक होता...... तो पार लग जाता या डूब

यदि आज टाइटैनिक होता......

तो पार लग जाता या डूब जाता?
होनी को कौन टाल सकता है - 
यदि ऐसा सोचें तो होनी तो हो ही जाती,
यानि कि टाइटैनिक डूब ही जाता।
कल था या फिर आज होता।
यदि विज्ञान का चश्मा लगाकर देखें
तसल्ली से कह सकते हैं कि
उसे अवश्य बचा लिया जाता।
आइस पेट्रोलिंग नहीं थी तब, सही खबर सही वक्त पर देना प्राथमिकता न थी तब। 
हर वक्त पाबंद रेडियो आपरेटर तैनात हैं अब। 
अधिकाधिक जीवन रक्षक नौकाएं 
 हैं जलयानों पर उपलब्ध अब। 
कर्मचारियों की प्रेमिकाएं कर्मस्थल पर नहीं जातीं हैं अब। 
डूबते जहाज की खोज में इंसान असमर्थ नहीं है अब। 
इमर्जेंसी वीडियो काॅल की सुविधा है अब। 
मुसीबत कहाँ है, पता चल जाता है अब। 
समन्दर के बर्फीले चट्टानों को 
मनुष्य वहीं पिघला सकता है अब। 
वो वक्त बीसवीं सदी का था इक्कीसवीं सदी में हम आप हैं अब। 
निश्चित रूप से टाइटैनिक को 
अवश्य ही बचा लिया जाता अब।  टाइटैनिक का डूबना भी एक बार ही हुआ है। कल भी तो नहीं होगा ऐसा? Y reeta-lakra-9mba
यदि आज टाइटैनिक होता......

तो पार लग जाता या डूब जाता?
होनी को कौन टाल सकता है - 
यदि ऐसा सोचें तो होनी तो हो ही जाती,
यानि कि टाइटैनिक डूब ही जाता।
कल था या फिर आज होता।
यदि विज्ञान का चश्मा लगाकर देखें
तसल्ली से कह सकते हैं कि
उसे अवश्य बचा लिया जाता।
आइस पेट्रोलिंग नहीं थी तब, सही खबर सही वक्त पर देना प्राथमिकता न थी तब। 
हर वक्त पाबंद रेडियो आपरेटर तैनात हैं अब। 
अधिकाधिक जीवन रक्षक नौकाएं 
 हैं जलयानों पर उपलब्ध अब। 
कर्मचारियों की प्रेमिकाएं कर्मस्थल पर नहीं जातीं हैं अब। 
डूबते जहाज की खोज में इंसान असमर्थ नहीं है अब। 
इमर्जेंसी वीडियो काॅल की सुविधा है अब। 
मुसीबत कहाँ है, पता चल जाता है अब। 
समन्दर के बर्फीले चट्टानों को 
मनुष्य वहीं पिघला सकता है अब। 
वो वक्त बीसवीं सदी का था इक्कीसवीं सदी में हम आप हैं अब। 
निश्चित रूप से टाइटैनिक को 
अवश्य ही बचा लिया जाता अब।  टाइटैनिक का डूबना भी एक बार ही हुआ है। कल भी तो नहीं होगा ऐसा? Y reeta-lakra-9mba
reetalakra2626

REETA LAKRA

New Creator

टाइटैनिक का डूबना भी एक बार ही हुआ है। कल भी तो नहीं होगा ऐसा? Y reeta-lakra-9mba