चाद से खुबसूरत, एक आफताब देखा!! गुलजार से सजे, वो मोहताब देखा!! दिल बाग- बाग होने, से माना नहीं!! जब घूघट में चेहरा, लाजवाब देखा!! ©Ashish anupam #लव #प्यार #रोमांटिक #Books