Nojoto: Largest Storytelling Platform

। कभी कभी कोई बात। कभी कभ


                       । कभी कभी कोई बात। 
कभी कभी कोई बात किसी की दिल में घर कर जाती है। 
रूह तलक घायल हो जाए दिल आहत कर जाती है।।
कभी कभी.. 
कड़वी बात बहुत घातक होती बंदूक की गोली से। 
जीते जी मर जाता इंसान बस एक कड़वी बोली से।। 
कहीं टीस सी उठती दिल में आँखें अश्क बहाती है।। 
कभी कभी.. 
दिल रहता है दुखी दुखी सा सब कुछ बुरा बुरा लगता। 
खुशी नहीं रहती है दिल में केवल भारीपन रहता ।। 
जब भी आती याद वो बातें आह जुबा पर आती है।। 
कभी कभी... 
जख्म बहुत गहरे हो जाते दिल में दर्द सा रहता है। 
चुभने वाली बात चुभे तो दिल रोता ही रहता है।। 
बात निकल जाती है मुहु से जख्म मगर कर जाती है।। 
कभी कभी..... 
अवसादी दिल की चादर में अवसाद और बढ़ जाते हैं। 
कड़वी बोली से दिल में आघात बहुत बढ़ जाते हैं।। 
असहाय हो दया और हो क्रोध प्रचण्ड कराती है।। 
कभी कभी......... 
नासूर जख्म बन जाते हैं जो जीवन भर रिसते रहते। 
तासीर उन्ही जख्मों की है जो आहें हम भरते रहते।। 
हम माफ भले ही कर देते नफरतें उभर कर आती है।। 
कभी कभी कोई बात किसी की दिल में घर कर जाती है।। 
रूह तलक घायल हो जाए दिल आहत कर जाती है।। 
कभी कभी किसी की कहीं बात इतना आहत कर जाती है 
                          आशुतोष अमन🙏
                           __________________

©Aashutosh Aman.
  #Kabhi_Kabhi