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हालात ने जैसे चाहा वैसे हम ढल गए बहुत संभल कर चले

हालात ने जैसे चाहा
वैसे हम ढल गए
बहुत संभल कर चले थे
लेकिन पैर फिसल गए

चलते रहे जिंदगी की राहों पर
बहते पानी की तरह
लोग मिलते-बिछुड़ते रहे
सफर के मुसाफिर की तरह

जो लबों से न कहना था 
वो नज़रों से कह दिया
करवां गुजर गया था
अकेला मैं रह गया... सुप्रभात।
ये दुनिया है, यहाँ हर क़दम पर हादसा रखा हुआ है, यहाँ देखकर चलो।
#देखकरचलो #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
हालात ने जैसे चाहा
वैसे हम ढल गए
बहुत संभल कर चले थे
लेकिन पैर फिसल गए

चलते रहे जिंदगी की राहों पर
बहते पानी की तरह
लोग मिलते-बिछुड़ते रहे
सफर के मुसाफिर की तरह

जो लबों से न कहना था 
वो नज़रों से कह दिया
करवां गुजर गया था
अकेला मैं रह गया... सुप्रभात।
ये दुनिया है, यहाँ हर क़दम पर हादसा रखा हुआ है, यहाँ देखकर चलो।
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