तू सूरज की पहली किरण बनकर मुझसे टकरा जाना मै ठहरी ओस की बूंद बनी अपनी आभा मुझे तुम दे जाना सिंदूरी छटा बिखेर कर मेरा रोम रोम हर्षा जाना फिर कोयल की मधु वाणी बन कानों में रस बरसा जाना फूलों की महकती डाली बन इस जहान को तू महकाना सर्द हवाओं की सिहरन हूं मैं तू तेज़ बढ़ा मुझे गर्मा जाना भटकी हुई पंछी गर मै मेरा कुनबा तेरी बांहों में बसा जाना चंचल सी पुरवाई हूं मैं तू पेड़ बन मुझसे मिलने आना सूखी बंजर धरती हूं मैं तू मेघ बन मेरी प्यास बुझा जाना मै शांत समुंदर का खारा पानी तू नदी बन मुझमें समा जाना मासूम, कोमल ह्रदय हूं मैं इसकी धड़कन तुम बन जाना गर कह ना सकी अपनी बात तुझे आंखों में बसे प्रेम निवेदन को तुम अपनाना। #gm#nojoto hindi#nojoto news