बहती रेत जैसा साया है मेरा/ मुझको ख़बर नहीं क्या है ठिकाना मेरा, बंद मुट्ठी में कस के जितना मुझे जकडोगे उतना ही मैं तुमसे दूर बहुत दूर चली जाऊंगी एक दिन! ©seema kapoor@ dard a awaaz #seemakapoor #Andaazasafar #sach #kadvasach #Time