खुशबू उनकी भूल गए अब और फ़ूलों से मिलना होगा नयी पंखुड़ियां गिनना होगा काटों में फंस कर तिड़ना होगा मुझे नये सिरे से खिलना होगा खुशबू उनकी भूल गये अब और फूलों से मिलना होगा सर पे उनके चढ कभी कदमो में उनकी गिरना होगा इश्क विस्क थी पुरानी बातें अब नयी कविताए गढ़ना होगा नए शब्द के नए मालाओं से किसी के सूने गले को भरना होगा खुशबू उनकी भूल गये अब नए फ़ूलों से मिलना होगा ....... ©khubsurat #ishq