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Ishqbaaziyaan गुनाह सिर्फ इतना कर बैठे थे की हम उन

Ishqbaaziyaan
गुनाह सिर्फ इतना कर बैठे थे
की हम उन्हें उनसे पहले अपना समझ बैठे थे

वक़्त ने ना जाने कैसे कैसे राज़ खोले।
और हमे लगा कि हम आज फिर जी भर रोले।।

खामोशी फिर आ गयी दोस्ती का हाथ बढ़ाने।

Ishqbaaziyaan गुनाह सिर्फ इतना कर बैठे थे की हम उन्हें उनसे पहले अपना समझ बैठे थे वक़्त ने ना जाने कैसे कैसे राज़ खोले। और हमे लगा कि हम आज फिर जी भर रोले।। खामोशी फिर आ गयी दोस्ती का हाथ बढ़ाने।

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