Nojoto: Largest Storytelling Platform

पता नहीं कौन हो तुम.. अकेले में गुनगुनाती हूं तु

पता नहीं कौन हो तुम..

 अकेले में गुनगुनाती हूं तुम्हें,
भीड़ में क्या वीरानों में भी ढूंढ़ती हूं तुम्हें।

पता नहीं कौन हो तुम,
बताओ ना खुदा या कोई इंसान हो तुम।

जो भी हो मगर पास महसूस करती हूं तुम्हें,
अपने सायें की तरह ही मानती हूं तुम्हें।


रात गुजर जाती है सवेरा अा जाता है,
मगर रूह से रूह की बातें खत्म नहीं हो पाता है।

तेरी मधुर आवाज सुन मन क्यों मोहित हो जाता है,
सादगी का वस्त्र पहने, प्रेम श्रृंगार किये मुझे मोहित क्यों कर जाता है।

पता नहीं कौन हो तुम?
बताओ ना खुदा या कोई इंसान हो तुम।

- Prabha Nirala #Passion  #prabhanirala #nojotohindi
पता नहीं कौन हो तुम..

 अकेले में गुनगुनाती हूं तुम्हें,
भीड़ में क्या वीरानों में भी ढूंढ़ती हूं तुम्हें।

पता नहीं कौन हो तुम,
बताओ ना खुदा या कोई इंसान हो तुम।

जो भी हो मगर पास महसूस करती हूं तुम्हें,
अपने सायें की तरह ही मानती हूं तुम्हें।


रात गुजर जाती है सवेरा अा जाता है,
मगर रूह से रूह की बातें खत्म नहीं हो पाता है।

तेरी मधुर आवाज सुन मन क्यों मोहित हो जाता है,
सादगी का वस्त्र पहने, प्रेम श्रृंगार किये मुझे मोहित क्यों कर जाता है।

पता नहीं कौन हो तुम?
बताओ ना खुदा या कोई इंसान हो तुम।

- Prabha Nirala #Passion  #prabhanirala #nojotohindi
vihannirala5762

prabha

New Creator