सुनो! जब मैं तुम्हें कह दूँ बस इतना ही था हमारा साथ तो तुम मुझे मत पढ़ना तुम पढ़ना उन हवाओं को जो हमारे ख़िलाफ़ बह रही होंगी तुम पढ़ना मेरे हालात जो हमारे ख़िलाफ़ साज़िश कर रहे होंगे तुम मेरे आँसुओं को और कंपकपाते होठों के पीछे की ख़ामोशी को मत पढ़ना, तुम बिलकुल मत पढ़ना; मेरे लड़खड़ाते लफ़्ज़ों के मतलब को तुम पढ़ना मेरी आह जो इस ख़ामोशी में भी चीख़ रही होगी तुम पढ़ना मेरे दर्द की इन्तहा जो मेरे रोम-रोम को सुर्ख़ कर रही होगी तुम पढ़ना मेरे ख़तों को मेरे दिए गुलाबों को जिन से आ रही होगी आज भी हमारी यादों की ख़ुशबू बस मत पढ़ना उन क़दमों की आहट जो मुझे बे-वफ़ा कह रहे होंगे तुम जानते हो तुम्हे भूलना न तो मेरे बस में है और न ही मेरे दिल के हक़ में है...... ~तालिब हुसैन'रहबर' #ishq #yaadein #mohabbatkikadiyan