Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम, रहनुमा-ए-इश्क़ बन आये थे हमारे मुस्तक़बिल को र

तुम,
रहनुमा-ए-इश्क़
बन आये थे
हमारे मुस्तक़बिल को 
रोशन करने
फिर... अब क्यों ये कायनात 
हमें तिमिर का आशिक़ 
कहती है ? #एकतरफा
तुम,
रहनुमा-ए-इश्क़
बन आये थे
हमारे मुस्तक़बिल को 
रोशन करने
फिर... अब क्यों ये कायनात 
हमें तिमिर का आशिक़ 
कहती है ? #एकतरफा