हृदय की धड़कने बेताबियाँ बढ़ने लगती हैं। जब तेरे नुपुर कि झंकार कानों में रस घोलती हैं। जरा आहिस्ता आहिस्ता चला करिए सनम। हृदय की बढ़ती बेकरारी को संभालने मौका तो दीजिए सनम। लेखन संगी🌼✍ #rztask358 #rzलेखकसमूह #restzone #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes