बेबसी में आज ये कितना घिरा है आदमी,
कोशिशें करना नहीं क्यों चाहता है आदमी।
बस सोच क्यों बैठा हुआ है मुद्दतों से,
चाहता करना सही क्यों बैठता है आदमी।
चाहता पाना मगर ना काम करना है इसे,
बेफिज़ूल ही यहाँ बस कोसता क्यों आदमी।
मेहनत से देखिए अजी क्यों भागता है ये यहाँ, #विचार