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अब मुझे फिर से मेरे व्यक्तित्व पर लौट जाना होगा स

अब मुझे फिर से मेरे व्यक्तित्व पर लौट जाना होगा
 सदाबहार वन समझकर मरुस्थल पर चला गया 
अपने स्वच्छंद मन के हाथों ही मैं चला गया 
ये सदाबहार वन नहीं मन का मरुस्थल है 
इच्छाओं का मरीचिका मृगतृष्णा यहां प्रबल है 
मेरे उच्च श्रृंखल मन की गांठ को
 हल्का सा क्या खोल दिया 
इसने तो मेरे खिलाफ ही हल्ला बोल दिया 
सोच बैठा चंद कागज के नोट असली पूंजी है
भूल बैठा मैं, मेरा धर्म ,मेरा चरित्र वास्तविक कुंजी है 
मेरा धर्म मेरा चरित्र जब मेरे अंदर था
 तब मैं और मैं ही अपना समुंदर था 
मजबूत आदर्शों को खोखला कैसे मैंने मान लिया 
समय चक्र चला कर देखा अब सब कुछ मैंने जान लिया
 इस स्वप्न धरा का  मेरे लिए कोई मोल नहीं था 
कर के गुजर जाना फितरत थी 
खाली हल्के बोल नहीं था
 मेरा मुझसे किया वचन अब मुझे निभाना होगा 
मुझे फिर से मेरे व्यक्तित्व पर लौट जाना

©Hanumant( honey) #Travel #Life_experience #jivan #Bhakti #kavita #pyar#love
अब मुझे फिर से मेरे व्यक्तित्व पर लौट जाना होगा
 सदाबहार वन समझकर मरुस्थल पर चला गया 
अपने स्वच्छंद मन के हाथों ही मैं चला गया 
ये सदाबहार वन नहीं मन का मरुस्थल है 
इच्छाओं का मरीचिका मृगतृष्णा यहां प्रबल है 
मेरे उच्च श्रृंखल मन की गांठ को
 हल्का सा क्या खोल दिया 
इसने तो मेरे खिलाफ ही हल्ला बोल दिया 
सोच बैठा चंद कागज के नोट असली पूंजी है
भूल बैठा मैं, मेरा धर्म ,मेरा चरित्र वास्तविक कुंजी है 
मेरा धर्म मेरा चरित्र जब मेरे अंदर था
 तब मैं और मैं ही अपना समुंदर था 
मजबूत आदर्शों को खोखला कैसे मैंने मान लिया 
समय चक्र चला कर देखा अब सब कुछ मैंने जान लिया
 इस स्वप्न धरा का  मेरे लिए कोई मोल नहीं था 
कर के गुजर जाना फितरत थी 
खाली हल्के बोल नहीं था
 मेरा मुझसे किया वचन अब मुझे निभाना होगा 
मुझे फिर से मेरे व्यक्तित्व पर लौट जाना

©Hanumant( honey) #Travel #Life_experience #jivan #Bhakti #kavita #pyar#love