अनभिज्ञ हो, अनाड़ी हो, चुप्पी से मतलब साधना चाहते हो। माहिर बड़े खिलाड़ी हो, चुप्पी से मतलब साधना चाहते हो । भरोसा जिसका तुमको, सीधे मुंह न बात करो, सवाल तो हर मन में है,उसको सवालात करो, अंधेरे में तुम रहो ,ये भी अच्छा, अबतक अंधेरे में रक्खा,समझो कच्चा, उसको जिससे सहारे की रख उम्मीद, धीरज बंधाना न उसे, खुद बांधना चाहते हो। तेरी चुप्पी तुमको खलेगी,सोच भी लो, दम्भ तुममें माना, खुद में लोच भी लो, वक्त जुआ,दांव जुआड़ी हो, चाल कबाड़,चित कबाड़ी हो, समझो जीत न हमेशा नाड़ी हो, सोच थोड़ी अगाड़ी हो, थोड़ी पिछाड़ी हो, चुप्पी से मतलब साधना चाहते हो !!😊 ©BANDHETIYA OFFICIAL #खिलाड़ी ! #walkingalone