खेल खेल में चाहत ए जूनून मिल गया इक्का दुक्का, ताश के पत्तों का इक्का,बन बैठा जिंदगी का सिक्का, संघर्ष की आग जलाई,फिर आलस्य को दे मारा मुक्का, नित नव प्रयास किया,तपिश को न मिटा सका झरोखा, इक्का छोड़ अब बनना है बादशाह कर लिया इरादा पक्का, किस्मत की लकीरों से नही जितना,निकालूँ कोई नया तरीका, सूखने न पाये मेरी जिंदगी ए शज़र,मेहनत से इसे है सींचा, आये कितने भी तूफान अड़िग रहूँगी, मुरझाने न दूँगी आस का बगीचा। #challengeno24 #collabwithtsom #the_speed_of_motivation 👉collab करने से पहले हमारे नियम और शर्तों को पिन 📌पोस्ट पर पढ़ें ! 👉 8 पंक्तियों के साथ collab करें ! 👉 collab करने के बाद कमेंट बॉक्स में 55555 लिखें !