सामने सबके हंस के चुपके से रो लिए घर की याद आयी तो ख्वाबों में सो लिए.. जो आते थे हमसे मिलने घर बार छोड़ के वो आज रहनुमा किसी और के हो लिए.. अब हो गयी मोहब्बत तो कैसे छुपाएं हम तेरा साथ छूटा तो हम गजलों में खो लिए.. हम ही नहीं शहर में हैं और भी तो शख्स हर कोई चल रहा है अपने ख्वाब को लिए.. निकलना है कल जल्दी नौकरी के वास्ते इक विद्यार्थी ने इसलिए कपड़े भी धो लिए.. कवि रोशनलाल "हंस" #NojotoQuote #प्यार #दिल #शायरी #ग़ज़ल #Shayari #Gazal #Kavishala #UrduGajal #Nojoto #NojotoHindi