बेपरवाह प्यार करने का मौका और सादगी से जीवन जीने का सलीक़ा ll एतबार उसे भी था और मुझे भी बस फर्क़ इतना था कि उसने इजहार कहीं और कर दिया और मैंने उसे आज़ाद कर खुद को उसकी यादों को गुलाम बना दिया ll ©Aziz rooh Mahendra Pahadia #harkisikonahimilta