मरकर मिट्टी में मिलूंगा, खाद हो जाऊंगा मैं फिर खिलूंगा ,शाखो पर आबाद हो जाऊंगा मै न फोन कोई, न मैसेज ,न कांल कोई हां मौका जरूर मिलेगा तुम्हें भी, दिल की दास्तां बयां करने का इतना न रोना ,कि तेरी याद हो़ जाऊंगा मैं ©KAKA MAURYA Ziddi shayar kaka Maurya Kukha