लोगों से अक्सर अपने नौनिहालों को मर्यादित,संस्कारित तथा समाजिक सांचे में ढालने की भूल हो जाती है । ठीक उस प्रकार जैसे एक कुम्हार को बर्तन बनाने में मिट्टी का चयन और पानी की मिलावट में होती है ।। #कर्तव्य_बोध