कभी मुझे ये दुनिया समझ नहीं आती, तो कभी ये जिंदगी। और लोग मालूम नहीं मुझे क्या समझते है, हाँ शायद होशियार कम पागल ज्यादा समझते है।। मैं क्या हूँ, ये उन्हें लगता है कि वो मुझसे ज्यादा जानते है।। हाँ शायद मैं वही तो हुँ जो खुद को नही जानता।। ।।इस युग का मिर्जा गालिब।। #ख्यालात