कि आज भी मोहब्बत में मज़हब ,धर्म, जात, रंग- रूप देखा जाता हैं आज भी इंसान को प्यार करने की आज़ादी नही है सिर्फ साल ही तो बढ़ रहे है कहने को हम तरक्की कर रहे है औऱ प्यार करना भूल रहे है एक उम्र गुज़ार देने के बावजूद इंसान यह नहीं कह सकता कि उसे मोहब्ब्त का सलीक़ा आ गया है। #क़ाबिलनहुए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #freedomoflove #lovefreely #noboundaries