दिल का सुकून ,रातों का ख्वाब ले गया कतरा - कतरा इश्क़ का हिसाब ले गया ज़ालिम, बेदर्दी, बेवफा आख़िर उसे क्या कहूं जो मेरी मासूमियत से सादगी का आब ले गया अब भूलना चाहूं भी तो याद आएगा वो जो राज- ए -तबस्सुम का अस्बाब ले गया by-yashwant Chauhan