~°" मेरी मां मेरी पहचान ~°" तू ही बच्चे की सबसे पहली गुरु है मां नौ महीने बच्चे के लिए दर्द सहती है। तू ही ईश्वर की जगत जननी जाती है। तूने ही मेरी सास हर आहट को पहचाना है। तू ही ममता की सागर है। तेरे जैसा मां इस दुनिया में कोई नहीं है। तेरी तारीफ में हर शब्द कम पड़ जाता है। मां तेरे रहने पर तो घर खुशबू से महक उठ हैं। मैं अपने जन्मदिन पर तेरा पांव छूकर जगत मे अपना नाम रोशन कर जाऊं मां। हर रिश्ते में सर्वोच्च श्रेष्ठ महान होती है मां। आकाश में वो छाई बादल है जो हमेशा साथ चलती रहती है मां। ना हो तो परिवार अधूरा है मां तू ही किस्मत है। तू ही जिंदगी है। तेरे बिना हर संसार सुना है। तेरे पांव में मेरी जन्नत है। मेरी मां मेरी पहचान है। तू वो खिलता फूल है जो कभी मुरझा नहीं सकती मां। तू वह खुशबू है। जिसे दिल से पहचाना सकती हूं। मां तेरी तारीफ अनंत है। क्या लिखूं। मां सहनशीलता,बहादुरी, स्वीकृत की पहचान है तू मां तेरी तारीफ में हर शब्द फीका पड़ता है। हम बच्चे एक मोती की तरह बिखर जाते हैं। तू ही मां धागे की तरह पिरोए रखती है। कलम के लफ़्ज़ Neha Gupta **•~~""बच्चे की पहली पाठशाला व गुरु होती है मां ""°°•~~** ~°" मेरी मां मेरी पहचान ~°" °~""कलम के लफ़्ज़ ""**~°• #maa #iloveyoumaa❤️❤️ #poetry #poems