उसने फ़ितरत को बदलने का तकाज़ा रक्खा, इक तरफ़ ख़ुद और फिर इक तरफ़ काबा रक्खा कैसे मुमकिन था वफ़ाओं से मुकर जाते हम, हमने दिल तोड़कर दोनों तरफ़ आधा रक्खा।। #yqaliem #yqbhaijan #yqdil