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बच्चे की परवरिश में अनेक दिक्कतें आती हैं, उनकी स

बच्चे की परवरिश में अनेक दिक्कतें आती हैं, 
उनकी सहनशक्ति का आभार, 
प्रकट करने को हम य़ह पर्व पर मनाते हैं, 

माँ शब्द ही संपूर्ण सृष्टि का बोध कराती हैं, 
मॉं के हर शब्द में मिठास छुपी चली आती है, 

संवेदना, भावना और अहसास को मॉं नाम दिया जाता है, 
मॉं के आगे कोई भी रिश्ता नहीं टिक पाता है, 

वो एक ही समय होता है, 
जब माँ मुस्कुराती है, और शिशु रोता है, 
यही मां की ज़िन्दगी का पहला और खूबसूरत पल होता है, 

शिशु संस्कार मॉं से पाता है, 
और शक्ति का साहस भी माँ से ही जुटाता है, 

प्रेम एक मधुर अनुभूति है, 
पर शिशु के प्रति माँ का प्रेम स्वर्गीय अनुभूति है, 

माँ वो शब्द है जिसके बोलने मात्र से पीड़ा खत्म हो जाती है, 
पर माँ की ममता कभी खत्म नहीं हो पाती है, 

 मैं हूं माँ की कर्जदार, 
लेकिन मैं नहीं उतारना चाहती ये भार, 
और कभी उतार ही नहीं पाऊंगी उसका ये भार , 
इस भार से ही उसके प्यार का होता है एहसास, 
जब तक वो है, तब तक चलेगी इस शरीर में सुकून की सांस।।

                                                    Shaivya #मॉं
बच्चे की परवरिश में अनेक दिक्कतें आती हैं, 
उनकी सहनशक्ति का आभार, 
प्रकट करने को हम य़ह पर्व पर मनाते हैं, 

माँ शब्द ही संपूर्ण सृष्टि का बोध कराती हैं, 
मॉं के हर शब्द में मिठास छुपी चली आती है, 

संवेदना, भावना और अहसास को मॉं नाम दिया जाता है, 
मॉं के आगे कोई भी रिश्ता नहीं टिक पाता है, 

वो एक ही समय होता है, 
जब माँ मुस्कुराती है, और शिशु रोता है, 
यही मां की ज़िन्दगी का पहला और खूबसूरत पल होता है, 

शिशु संस्कार मॉं से पाता है, 
और शक्ति का साहस भी माँ से ही जुटाता है, 

प्रेम एक मधुर अनुभूति है, 
पर शिशु के प्रति माँ का प्रेम स्वर्गीय अनुभूति है, 

माँ वो शब्द है जिसके बोलने मात्र से पीड़ा खत्म हो जाती है, 
पर माँ की ममता कभी खत्म नहीं हो पाती है, 

 मैं हूं माँ की कर्जदार, 
लेकिन मैं नहीं उतारना चाहती ये भार, 
और कभी उतार ही नहीं पाऊंगी उसका ये भार , 
इस भार से ही उसके प्यार का होता है एहसास, 
जब तक वो है, तब तक चलेगी इस शरीर में सुकून की सांस।।

                                                    Shaivya #मॉं