मै बैठ कर रोता रहा हर रोज जहां तेरे इंतज़ार में। आसुओं से खिलते रहे फूल उस बहार में। फूल देते रहे दुआ आसुओं की वजह को गुबार में। चलो, रोना तो नहीं गया मेरा बेकार में। फूल