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ना जाने मुझे कैसे कैसे ख़्याल आ रहें हैं। भंवरे मह

ना जाने मुझे कैसे कैसे ख़्याल आ रहें हैं।
भंवरे महक रहें और फूल गुनगुना रहें हैं।।

कल ही तो मुझसे गले लगकर गई थी तुम।
आज तुम्हारी याद में बादल रो गा रहें हैं।।

और शुक्रिया, मुझे हसीं यादें देने के लिए।
तुम पास नहीं हो, फ़िर भी मुस्कुरा रहें हैं।

मेरे कांधे पे सिर रखना-सो जाना, ठीक है!
पर वो घाट, बाहें फैलाए फ़िर बुला रहें हैं।।

©Shivank Shyamal #banaras #shivanksrivastavashyamal #shivankshyamalquotes #बनारस
ना जाने मुझे कैसे कैसे ख़्याल आ रहें हैं।
भंवरे महक रहें और फूल गुनगुना रहें हैं।।

कल ही तो मुझसे गले लगकर गई थी तुम।
आज तुम्हारी याद में बादल रो गा रहें हैं।।

और शुक्रिया, मुझे हसीं यादें देने के लिए।
तुम पास नहीं हो, फ़िर भी मुस्कुरा रहें हैं।

मेरे कांधे पे सिर रखना-सो जाना, ठीक है!
पर वो घाट, बाहें फैलाए फ़िर बुला रहें हैं।।

©Shivank Shyamal #banaras #shivanksrivastavashyamal #shivankshyamalquotes #बनारस