लम्हों की तितलियाँ इस फूल,उस चमन अवकाश की बदरी बहे करने को मिलन हर रविवार मुस्कान और लम्हों का यत्न रंग-बिरंगी तितलियों के जैसा दिवा स्वप्न अभिलाषा रखता हर लम्हा,उत्साही मन जुगत क्या जो हाँथ रहे तितलियाँ हरदम सौम्यता का अनन्य रूप सुंदर अपनापन काश अवगत होता वशीकरण का नियम तितली उडी,लम्हा,लम्हा लम्हों की तितलियाँ क्यों पकड़ में नहीं आतीं। #लम्हे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life #poetry