झिड़कना मत,झिड़कने से कोई अपना नहीं रहता,और झिड़कियों में कोई हमसाया भी नहीं रहता है//१
*जरदारो से मिलने में जरा तुम फासला रखना,जहां*गागर*सागर में मिले,वहा गागर नही रहता है/२*अमीर*छोटे जलाशय*समुद्र
तेरा नगर तो,अंदाज ए हवस वाला है,मेरे नगर में भी,अब *कफस नही रहता है//३*पिंजरा
वो*अदु फिर मेरे जख्म को हरा करने का दावा करता है,कह दो कोई उसे,मेरा मरहम अब*तदबीर का*मुदावा नही रखता है//४*दुश्मन*उपाय*अपील
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