मे अपणेही गीत गाता हू, मे अपणेही गीत सुनाता हू अपणेही गितोमे खूदको हसाता हू, अपणेही गीतोमे खुदको ही रुलाता हू। मे अपणेही गीत गाता हू और अपणेही गीत सुनाता हू।........ मेरे ये गीत मेरे तान्हाई के साथी हे , जब कूचना अछा लगे तो मुझे ये लुभाती हे , अपने इन गितो की रचनाओमे खुद को भूल जाता हू...... मे अपणेही गीत गाता हू, अपणेही गीत सुनाता हू... ------------Patil Yash .A. written by young pharmacist 🤗🤗