कोमल ...! ---------------- बहुत सी आशा ,जिज्ञासा और चंचलता की तस्वीर, मनमोहक अदाओं, मासूम मुस्कुराहट, और नटखट - छंटाओ की जंजीर..... बड़ी भोली, मगर शरारत में पीछे, सारे हमजोली, जहां मिले बच्चे ,बना जाती एक नई टोली.. हमेशा मटकती, ठुमकती, करती थी ठीठोली,.. कभी करके शैतानी ,बन जाती इतनी भोली के अच्छे अच्छों की ,बंद हो जाती बोली... अगले पल में ही ,इतनी चंचल, कि जैसे बंदूक की गोली.... जरा सी डॉट खाई , की क्रुंदन से , घर की शामत हो ली... गुस्से में दीवारों पर , बनाती रंगोली बड़ी मुश्किलों से माने ,जब बोलूं हजारों मीठी बोली... पर एक बात और अच्छी, पढ़ने में ध्यान उसका ,बाद में खेल और हमजोली..... जो कोई देखे उसको..., बोले बड़ी प्यारी है कोमल , और उसकी बोली.... Very Happy daughter's day beta ... --- Anwar Hussain Anu Bhagalpuri #कोमल