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ख़याल इंसान के गुरूर की औकात बस इतनी * सी है

ख़याल इंसान  के गुरूर की
औकात  बस इतनी 
    * सी है *
ना पहली बार खुद
नहा पाता है
*ना ही आखिरी  बार
खुद नहा सकता है

🙏🌹ओम साई राम जी 🌹 🙏
ख़याल इंसान  के गुरूर की
औकात  बस इतनी 
    * सी है *
ना पहली बार खुद
नहा पाता है
*ना ही आखिरी  बार
खुद नहा सकता है

🙏🌹ओम साई राम जी 🌹 🙏