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हरियाणा में शिक्षकों के 32% पद लिखित होना चिंताजनक

हरियाणा में शिक्षकों के 32% पद लिखित होना चिंताजनक है जितने शिक्षक सेवा निवृत्ति हो रहे हैं उतनी नई नियुक्तियां नहीं हो रही है स्पष्ट है कि इससे शासकीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर दुष्प्रभाव पड़ेगा करो ना संक्रमण के कारण भारती 2020 से अब तक लगभग 2 वर्ष होने जा रहे हैं इस अवधि में बच्चों की पढ़ाई बाधित रही है अब कोविड-19 नियंत्रण में आ चुका है विद्यालय खुल चुके हैं शिक्षक नहीं है किसी भी क्षेत्र में शत-प्रतिशत परिणाम के 7% संख्या बल में आवश्यक होता है मात्र 33 शिक्षकों योगदान से शिक्षा में शत-प्रतिशत परिणाम की अपेक्षा नहीं की जा सकती प्रबंधन वाले विद्यालयों में ऐसे समस्या नहीं होती उनके यहां किसी शिक्षक का पद अधिक होता है तो कुछ ही समय में रक्त की पूर्ति कर लेते हैं यही कारण है कि कम आय वाले अभिभावक कि आज शासकीय विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ललिता रहती है लेकिन जो निर्बल वर्ग के बीच और उनके बच्चों के लिए शासन विद्यालय ही एकमात्र सहारा होते हैं शासन को उनके भविष्य की चिंता करनी चाहिए यह ठीक है कि शासन की तरफ से रोजगार कौशल निगम के माध्यम से अनुभव के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है और नए शास्त्र में शिक्षक शिक्षण कार्य आरंभ कर देंगे इससे कुछ ही तो हो जाएगी

©Ek villain #शिक्षक विद्यालय

#Rose
हरियाणा में शिक्षकों के 32% पद लिखित होना चिंताजनक है जितने शिक्षक सेवा निवृत्ति हो रहे हैं उतनी नई नियुक्तियां नहीं हो रही है स्पष्ट है कि इससे शासकीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर दुष्प्रभाव पड़ेगा करो ना संक्रमण के कारण भारती 2020 से अब तक लगभग 2 वर्ष होने जा रहे हैं इस अवधि में बच्चों की पढ़ाई बाधित रही है अब कोविड-19 नियंत्रण में आ चुका है विद्यालय खुल चुके हैं शिक्षक नहीं है किसी भी क्षेत्र में शत-प्रतिशत परिणाम के 7% संख्या बल में आवश्यक होता है मात्र 33 शिक्षकों योगदान से शिक्षा में शत-प्रतिशत परिणाम की अपेक्षा नहीं की जा सकती प्रबंधन वाले विद्यालयों में ऐसे समस्या नहीं होती उनके यहां किसी शिक्षक का पद अधिक होता है तो कुछ ही समय में रक्त की पूर्ति कर लेते हैं यही कारण है कि कम आय वाले अभिभावक कि आज शासकीय विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ललिता रहती है लेकिन जो निर्बल वर्ग के बीच और उनके बच्चों के लिए शासन विद्यालय ही एकमात्र सहारा होते हैं शासन को उनके भविष्य की चिंता करनी चाहिए यह ठीक है कि शासन की तरफ से रोजगार कौशल निगम के माध्यम से अनुभव के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है और नए शास्त्र में शिक्षक शिक्षण कार्य आरंभ कर देंगे इससे कुछ ही तो हो जाएगी

©Ek villain #शिक्षक विद्यालय

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