Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब बैठे हो सब चारसू, तो इशारो से करती वो गुफतगू व

जब बैठे हो सब चारसू, तो इशारो से करती वो गुफतगू 
वो आंखो  कि जुबां मै ना भूल पाया अब तक, तुम्हे याद हो के ना याद हो 
किया था प्यार का वादा कभी सो हम निभा रहे  
तुम्हारी भी कुछ कसमे थी, मै भूल ना पाया अब तक  तुम्हे याद हो के ना याद हो 
वो सर्दी कि शामो मे सिकुड के  हमारे आहोष मे आना
वो रस्ते के सिरहाने इक्कठे चाय के चुस्कीया लेना, वो मंझर भुला ना पाया अब तक,  तुम्हे याद हो के ना याद हो 
वो पत्थर मे बांध कर भेजे हुये पेपर पे संदेसे कि लज्जत  
तुम्हारा जवाब उसी पत्थर से बंदे पेपर पे देना, 
वो सारे पेपर आज भी है रखे सांभाल के मैने,  तुम्हे याद हो के ना याद हो tumhe yaad ho ke na yaad ho
जब बैठे हो सब चारसू, तो इशारो से करती वो गुफतगू 
वो आंखो  कि जुबां मै ना भूल पाया अब तक, तुम्हे याद हो के ना याद हो 
किया था प्यार का वादा कभी सो हम निभा रहे  
तुम्हारी भी कुछ कसमे थी, मै भूल ना पाया अब तक  तुम्हे याद हो के ना याद हो 
वो सर्दी कि शामो मे सिकुड के  हमारे आहोष मे आना
वो रस्ते के सिरहाने इक्कठे चाय के चुस्कीया लेना, वो मंझर भुला ना पाया अब तक,  तुम्हे याद हो के ना याद हो 
वो पत्थर मे बांध कर भेजे हुये पेपर पे संदेसे कि लज्जत  
तुम्हारा जवाब उसी पत्थर से बंदे पेपर पे देना, 
वो सारे पेपर आज भी है रखे सांभाल के मैने,  तुम्हे याद हो के ना याद हो tumhe yaad ho ke na yaad ho
alokmeshram8732

Alok Meshram

New Creator