Nojoto: Largest Storytelling Platform

दुनियादारी की समझ इसलिए उपदेश से स्वीकृति छूट लेते

दुनियादारी की समझ
इसलिए उपदेश से स्वीकृति छूट लेते रहो
तुम्हारे जो कण्ठाग्र मानक हैं
उनकी अवधारणा में जीते रहो
याद तो होगा नहीं
बस याद में खोते रहो।

याद तो होगा नहीं
अर्थ का मान
हाँ, इसके भार के कम होने की प्रतीक्षा में रहो
तुम्हारे जो सजातीय बिरादरी है
उनकी हठधर्मिता में जीते रहो
याद तो होगा नहीं
बस मान को ढोते रहो।

याद तो होगा नहीं
रसों का प्रासंगिकता
प्रकार के व्याकरण की रट खोते रहो
तुम्हारे जो कटु अनुभव का सकारात्मक ऊर्जा है
वेद सम्मत सत्य पर तर्क देते रहो
याद तो होगा नहीं
बस अरथी पर सोते रहो।
 रटो मत!

दुनियादारी की समझ
इसलिए उपदेश से स्वीकृति छूट लेते रहो
तुम्हारे जो कण्ठाग्र मानक हैं
उनकी अवधारणा में जीते रहो
याद तो होगा नहीं
बस याद में खोते रहो।
दुनियादारी की समझ
इसलिए उपदेश से स्वीकृति छूट लेते रहो
तुम्हारे जो कण्ठाग्र मानक हैं
उनकी अवधारणा में जीते रहो
याद तो होगा नहीं
बस याद में खोते रहो।

याद तो होगा नहीं
अर्थ का मान
हाँ, इसके भार के कम होने की प्रतीक्षा में रहो
तुम्हारे जो सजातीय बिरादरी है
उनकी हठधर्मिता में जीते रहो
याद तो होगा नहीं
बस मान को ढोते रहो।

याद तो होगा नहीं
रसों का प्रासंगिकता
प्रकार के व्याकरण की रट खोते रहो
तुम्हारे जो कटु अनुभव का सकारात्मक ऊर्जा है
वेद सम्मत सत्य पर तर्क देते रहो
याद तो होगा नहीं
बस अरथी पर सोते रहो।
 रटो मत!

दुनियादारी की समझ
इसलिए उपदेश से स्वीकृति छूट लेते रहो
तुम्हारे जो कण्ठाग्र मानक हैं
उनकी अवधारणा में जीते रहो
याद तो होगा नहीं
बस याद में खोते रहो।