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तेज़ धूप में जैसे ख्वाहिश हो बारिश की, चॉद को ज़रू

तेज़ धूप में जैसे ख्वाहिश हो बारिश की,
चॉद को ज़रूरत है झिलमिल सितारों की,
बहती नदियां जैसे बेताब सी हो,
ख्वाहिश हो उन नदियों को समुन्दर मे मिल जाने की,
पंछियों की चहक जैसे कुछ बता रहीं हो,
कोयल भी अपनी मीठी बोली से गुनगुना रही हो,
कहती हो नदियां पहाड़ियो से जैसे,
अरमान है दिल मे बहुत से ऐसे,
मुहोब्बत कि धुन भी अब गुनगुना सा रही है,
छुपके से कान मे कुछ बता सा रही है,
बेइम्तहां मुहोब्बत को मुहोब्बत है किसी से शरमाकर ये बात सबसे वो,
छुपा सा रही है,फिर मुहोब्बत के गीत वो भी गा सा रही है #muhobbat#gungunarah#ihai
तेज़ धूप में जैसे ख्वाहिश हो बारिश की,
चॉद को ज़रूरत है झिलमिल सितारों की,
बहती नदियां जैसे बेताब सी हो,
ख्वाहिश हो उन नदियों को समुन्दर मे मिल जाने की,
पंछियों की चहक जैसे कुछ बता रहीं हो,
कोयल भी अपनी मीठी बोली से गुनगुना रही हो,
कहती हो नदियां पहाड़ियो से जैसे,
अरमान है दिल मे बहुत से ऐसे,
मुहोब्बत कि धुन भी अब गुनगुना सा रही है,
छुपके से कान मे कुछ बता सा रही है,
बेइम्तहां मुहोब्बत को मुहोब्बत है किसी से शरमाकर ये बात सबसे वो,
छुपा सा रही है,फिर मुहोब्बत के गीत वो भी गा सा रही है #muhobbat#gungunarah#ihai