इश्क मुकम्मल भी होगा, तू मेरा भी होगा, चंद रोज रह गए हैं, गम के बादल छटने में, फिर पहरा भी हटेगा, तू मेरा भी होगा...! जो अभी ताने देते है, कल उनको ही गर्व होगा, तेरी मेरी मोहब्बत का, ऐसा ही फर्क होगा, बदल देंगे हम उनको, जो इश्क का दुश्मन होगा....! तू मेरा भी होगा........!