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वो कुछ भी कहेगा तुम कुछ न कहना कहना उसका काम है सु

वो कुछ भी कहेगा तुम कुछ न कहना
कहना उसका काम है सुनना तुम्हारा
डराना उसका काम है डरना तुम्हारा
वो राजा है और तुम कुछ नहीं 
तुम प्रजा तो बिल्कुल भी नहीं
लोकतंत्र में प्रजा ऐसी नहीं होती
वो लड़ती है अपने अधिकार के लिए
विरोध करती है हर गलत बात का
वो सवाल करती है भक्ति नहीं,
वो सर उठाती है आंख नहीं झुकाती
लोकतंत्र में जनता मर कैसे सकती है
मरना तो राजा को चाहिए ,शर्म से,
कि वो इतना कैसे गिर सकता है।

"अमित"

©Dr Amit Gupta #democracy
वो कुछ भी कहेगा तुम कुछ न कहना
कहना उसका काम है सुनना तुम्हारा
डराना उसका काम है डरना तुम्हारा
वो राजा है और तुम कुछ नहीं 
तुम प्रजा तो बिल्कुल भी नहीं
लोकतंत्र में प्रजा ऐसी नहीं होती
वो लड़ती है अपने अधिकार के लिए
विरोध करती है हर गलत बात का
वो सवाल करती है भक्ति नहीं,
वो सर उठाती है आंख नहीं झुकाती
लोकतंत्र में जनता मर कैसे सकती है
मरना तो राजा को चाहिए ,शर्म से,
कि वो इतना कैसे गिर सकता है।

"अमित"

©Dr Amit Gupta #democracy