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हम कुम्हार अपनी माटी के हैं जैसा चाहे संसार बनाय



हम कुम्हार अपनी माटी के हैं जैसा चाहे संसार बनायें।
कर्मों का सुंदर ढाचा गढ़ें और मनचाहा आकार बनायें।
जीवन को मेहनत की भट्टी में तपाकर इसे कुंदन बनायें।
जीवन में सत्कर्म भरें और इसे निज ही अर्थपूर्ण बनायें।
जीवन मिलता है एक बार हम स्वयं ही इसको स्वर्ग बनायें।


 सुप्रभात।
सच्चाई यही है कि अपनी माटी के कुम्हार हम ख़ुद ही हैं। कोई और हमें बना-बिगाड़ नहीं सकता।
#कुम्हार #yqdidi #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi


हम कुम्हार अपनी माटी के हैं जैसा चाहे संसार बनायें।
कर्मों का सुंदर ढाचा गढ़ें और मनचाहा आकार बनायें।
जीवन को मेहनत की भट्टी में तपाकर इसे कुंदन बनायें।
जीवन में सत्कर्म भरें और इसे निज ही अर्थपूर्ण बनायें।
जीवन मिलता है एक बार हम स्वयं ही इसको स्वर्ग बनायें।


 सुप्रभात।
सच्चाई यही है कि अपनी माटी के कुम्हार हम ख़ुद ही हैं। कोई और हमें बना-बिगाड़ नहीं सकता।
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