वो पहली नज़र का प्यार आज भी, हमको हरपल करता है बेकरार, ढूँढती है नजरें बस उसी को, उसको देख कर ही तो आता है करार। उसकी नजर की कशिश ने आज भी, अपना दीवाना बना के रखा है, चाहता है दिल आज भी उस को ही, अपना परवाना बना के रखा है। छुपा कर रखते हैं हम दिल के कोने में दुनियाँ से अपने पहले प्यार को, कोई देख ना ले निगाहों में पहले प्यार को शर्मो हया का पर्दा रखते हैं। ♥️ Challenge-487 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।