White असंख्य तारों संग सजी रात में खुले आसमान के तले पेड़ो की मध्यम आवाज सुनते सुनते हां मुझे कुछ कहना है ओ मेरे दूर देश के परदेशी अब कहीं और नहीं तेरी बाहों में रहना है।। झींगुरों का गान हो बहती नदी की कलकल ध्वनि के मध्य थोड़ी सी ठंड और सुखद व्यार में हां मुझे कुछ महसूस करना है के ओ परदेशी अब तो बस तेरी सांसों को सुनना है।। ©Sangeet... #love #latest #geetsangeet #nojoto