सात जन्म का साथ ना छोड़ेंगे तुम्हारा हाथ ना होगी गम की बात, होगी खुशियों की बरसात जन्म-जन्म का साथ मोहब्बत के लम्हें होगें पास तेरी निगाहों से देखूँ दुनिया ,ऐसी हो दिन और रात जन्म - जन्म का साथ तुम्हारी खुशबू हो पास आँखें बंद भी पेहचानूँ ,चाहें जन्म लेना पड़े जितनी बार जन्म -जन्म का साथ कोई ख़्वाहिशें ना रहे इसके बाद जिन्द़गी के रुकसत पर भी ,तूँ ही तूँ हो मेरे आस -पास।।। 🎀 Challenge-234 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।