जैसे एक पेड़ की जड़े इंकार कर दे फैलने से और जल अवशोषित करने से तो क्या उस दरख़्त का विकास हो पायेगा? एक न एक दिन वो धराशायी हो जायेगा ठीक वैसे ही हम जब सुनने, समझने विचारो को ग्रहण करने, सिद्धान्तों को परवर्तित करने से इंकार कर देते तो हमारा विकास हमारे व्यक्तित्व का विकास भी अवरुद्ध हो जाता है। कोई भी व्यक्ति हमेशा सही नहीं हो सकता। मैं भी नहीं.... #Nojoto #Nojotopoetry #Nojotohindi