तुने अपना हाथ मेंहदी से सजा लिया, अच्छा ही किया अपना घर बसा लिया, ख़ुदकुशी भी कर सकता था... पर कम्बख़्त इस शराब ने बचा लिया, किसी ने प्रेम में जिंदगी दे दी.. और किसी ने प्रेम को ही जीवन बना लिया, वो तेरा अंतिम मिलन न भुला... तूने सिसक-सिसक के मुझे गले लगा लिया, मैं ये सोच के थोड़ा खुश हूँ... कि हम दोनों ने सच्चाई से रिश्ता निभा लिया, तू अन्य के बिस्तर की रौनक है.. और इधर मैंने काँटों को ही खुदा बना लिया, विपिन"बहार" © Vipin_bahar © #vipin_bahar,#nojoto,#hindiwriters