एक जंग सरहद पर चले एक मेरे मन में चले जैसे जैसे ये शाम ढले मन मेरा जोरों से मचले क्यूँ ये दुनिया लडाई पर टिके आवाम को पैरों तले कुचले सैनिकों की जान लेने पर है तुले ये सरहद पार मनों के फासले मंजर ये कैसे बदले संधि तू किसी तरह तो करले देखके अहं के मेले मन बोले क्रूर तू मेरा भी रक्त लेले लेले तू मेरा भी रक्त लेले🙏 👇👇👇 एक जंग सरहद पर चले एक मेरे मन में चले जैसे जैसे ये शाम ढले मन मेरा जोरों से मचले क्यूँ ये दुनिया लडाई पर टिके