मेंरा भी खून गर्म हैं, तेरे भी खून में उबाल हैं एक हीं देश हैं मेंरा भी, और तेरा भीं फिर साला यें मजहब का क्या सवाल हैं हिंदु - मुस्लिम करकें लड़वातें हैं, ये हमें आपस में थोड़े ही करतें ऐसा अल्लाह और राम हैं हाँ भाई अजहर छोड़ क्या बात करें इस पर हम हम तों मोहोब्बत करनें वालें हैं, नफरत फैलाना तो उनका काम हैं चल जरा चाय कि चुस्की ली जाए देख तों क्या मस्त सुहानी शाम हैं ॥ Dil Se.............Written By Kunal............ ©Kunal Thakur मेंरा भी खून गर्म हैं, तेरे भी खून में उबाल हैं एक हीं देश हैं मेंरा भी, और तेरा भीं फिर साला यें मजहब का क्या सवाल हैं हिंदु - मुस्लिम करकें लड़वातें हैं, ये हमें आपस में थोड़े ही करतें ऐसा अल्लाह और राम हैं