उन पलों को जी कर देख एक दफा जो मैंने इन नन्ने आंखो से देखी है।। उन रास्तों पे एक कदम चल कर भी देख ले जिनपर मेरे लहू के निशान छूटे है।। ✍️ चैताली येंगडे _hrudaysparsh_ # बचपन गुजर गया बोझ उठाते उठाते#