क्या लिखूँ व्यथा देश की अपने बिखर गए जब सारे सपने क्या इसीलिए हम जिन्दा है ट्विंकल हम सब शर्मिंदा है हो रहा देश में ऐसा कुकृत्य हम बचा रहे अपना अस्तित्व अब लगा विकाश पारदर्शी दिखने क्या लिखूँ व्यथा देश की अपने ट्विंकल